चाय पीनी है, तो नींबू वाली चाय पिए तब चाय नशा नहीं दवा बन सकती है।
चाय के शौकीनों के लिए वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित यह खास रिपोर्ट:- आज चाय एक ऐसा पदार्थ बन गया है, जिसके बिना हमारा जीवन फीका सा लगने लगता है। हम सुबह बिस्तर छोड़ने से पहले चाय खोजने लगे हैं और पीते भी है। हम प्रत्येक कुछ घंटों के बाद जब तक जगे होते हैं, चाय पीते रहते हैं, जैसे प्रयोगशाला में कार्य करने वाला शोधार्थि हो या शोध निर्देशक, सरकारी दफ्तर मे काम करने वाला हो कर्मचारी हो या प्राइवेट दफ्तर मे, मजदूर हो या बहुत बड़ा आदमी सबका यही स्वभाव बन गया है कि वह बार-बार चाय पीता है। हमारे घर कोई रिश्तेदार आया तो मेहमान नवाजि के क्रम में चाय पिलाना एक महत्वपूर्ण तरीका बन चुका है। कहते है किसी भी पदार्थ की जरूरत जब हद से ज्यादा होने लगे और हम उसका उपभोग भी जरुरत पड़ने पर करने लगे तब उसे नशा का नाम दिया जाता है। चाय आज उसी स्थिति में आ चुका है, कहे तो चाय नशा बन चुका है। अक्सर नशा का मतलब बुरे से होता है पर चाय का नशा अगर सही तरीके से उसका सेवन करें तो हमारे लिए अत्यंत गुणकारी है। आज हम चाय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जानेंगे। चाय का वनस्पतिक नाम