ग्लोबल वार्मिंग! एक वैश्विक और अजैविक संकट के किस्से बयां कर रही अप्रैल की गर्मी: रजनीश राय
ग्लोबल वार्मिंग! एक वैश्विक और अजैविक संकट के किस्से बयां कर रही अप्रैल की गर्मी: रजनीश राय अप्रैल माह की गर्मी जो करीब 42°C तक पहुंच गई है, गर्म हवाएं चल रही हैं, लू का विकराल रूप प्रदर्शित हो रहा है, लोग बीमार पड़ रहे हैं, जो पिछले दो दशकों का रिकॉर्ड तोड़ रही है, की मूल वजह ग्लोबल वार्मिंग ही है, इसको झूठलाया नहीं जा सकता। विश्व के पढ़े-लिखे समाज तथा राष्ट्र निर्माण एवं विश्व निर्माण में लगे लोगों के लिए अब ऐसा नहीं कि ग्लोबल वार्मिंग के किस्से नये है। ऐसा नहीं है कि ग्लोबल वार्मिंग के बारे में हम जानते नहीं है, ग्लोबल वार्मिंग कैसे होता है? इसके बारे में हमको पता नहीं है? परंतु हमारी असहिष्णुता ही कहिए कि सब कुछ जानने के बावजूद भी हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने वाली स्थिति में बने रहे हैं, बने हैं और बने रहना चाहते है, और ग्लोबल वार्मिंग का खतरा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है और अब वह अपने विकराल रूप में प्रदर्शित भी हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस तरह के ठोस कदम उठने चाहिए इस बिंदु पर, वैसा कदम उठ नहीं रहा है। कागजी दावे और कोरे रिपोर्ट तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर, राष्ट्रीय स्तर